भारत और रेडियो
1927 तक भारत में भी ढेरों रेडियो क्लबों की स्थापना हो चुकी थी। 1936 में भारत में सरकारी ‘इम्पेरियल रेडियो ऑफ इंडिया’ की शुरुआत हुई जो आज़ादी के बाद ऑल इंडिया रेडियो या आकाशवाणी बन गया।
redio dth99 |
1939 में द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरुआत होने पर भारत में भी रेडियो के सारे लाइसेंस रद्द कर दिए गए और ट्रांसमीटरों को सरकार के पास जमा करने के आदेश दे दिए गए।
नरीमन प्रिंटर उन दिनों बॉम्बे टेक्निकल इंस्टीट्यूट बायकुला के प्रिंसिपल थे। उन्होंने रेडियो इंजीनियरिंग की शिक्षा पाई थी। लाइसेंस रद्द होने की ख़बर सुनते ही उन्होंने अपने रेडियो ट्रांसमीटर को खोल दिया और उसके पुर्जे अलग-अलग जगह पर छुपा दिए।
इस बीच गांधी जी ने अंग्रेज़ों भारत छोडो का नारा दिया। गांधी जी समेत तमाम नेता 9 अगस्त 1942 को गिरफ़्तार कर लिए गए और प्रेस पर पाबंदी लगा दी गई।
सबसे सस्ता रेडिओ खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करें
कांग्रेस के कुछ नेताओं के अनुरोध पर नरीमन प्रिंटर ने अपने ट्रांसमीटर के पुर्जे फिर से एकजुट किया। माइक जैसे कुछ सामान की कमी थी जो शिकागो रेडियो के मालिक नानक मोटवानी की दुकान से मिल गई और मुंबई के चौपाटी इलाक़े के सी व्यू बिल्डिंग से 27 अगस्त 1942 को नेशनल कांग्रेस रेडियो का प्रसारण शुरु हो गया।
How to order this redio
ReplyDeleteSir 5 band radio price
ReplyDeleteWhen the price that you show is more than why do you advertise that arpan radio cost is 145 rs?
ReplyDeleteIts fake video and website.
Delete